राजकीय सार्व. मण्डल पुस्तकालय जोधपुर
राजकीय सुमेर सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय की स्थापना तात्कालीन महाराजा सुमेर सिंह जी के द्वारा सूरसागर में की गई थी। तत्पश्चात इसे राजकीय मुद्रणालय के भवन में स्थानान्तरित किया गया । 17 मार्च 1936 से यह पुस्तकालय बस स्टैण्ड के पास उम्मेद उद्यान में संचालित है। यह भवन एवं पुस्तकालय ऐतिहासिक महत्व का है। इसमें 78698 पुस्तकों का संग्रह है तथा लगभग 100 पत्र पत्रिकायें मंगवायी जाती हैं। यहाँ अनेक प्राचीन एवं दुर्लभ ग्रन्थ हैं जिसमें बीकानेर का इतिहास, नैणसीमूथा री ख्यात, कृष्णागढ़ की तवारीख, जहाँगीरनामा, पृथ्वीराज रासो, रिपोर्ट मारवाड, बोधायन श्रोत सूत्रम, कूर्मपुराणम्, गजट तथा प्राचीन पत्रिकाओं में विश्वमित्र, विज्ञान, चाँद, कर्मयोगी, विशाल भारत , The Indian review, The contemporary review, The modern Review आदि प्रमुख हैं।
इस पुस्तकालय के अधीन दो बाल पुस्तकालय तथा दो वाचनालय अपनी सेवायें दे रहे हैं। प्रतिदिन लगभग 312 पाठकों द्वारा इनका उपयोग किया जाता है। पुस्तकालय में वयस्क 21 रू तथा 6 से 15 वर्ष तक के बालक 5 रू शुल्क देकर वार्षिक सदस्य बन सकते हैं। सदस्यता 1 अप्रेल से 31 मार्च तक के लिए होती है। पुस्तकालय में पाठकों को घर पर पढ़ने हेतु पुस्तक आदान प्रदान सेवा , वाचनालय में बैठ कर पढने हेतु पत्र पत्रिकायें सेवा , सन्दर्भ ग्रंथ के उपयोग हेतु संदर्भ सेवा, प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे पाठकों के लिए पुस्तकालय में बैठ कर पढ़ने हेतु प्रतियोगी परीक्षा उपयोगी पुस्तकें उपलब्ध करवायी जाती हैं। इसके अलावा पाठकों के लिए इन्टरनेट सेवा, फोटो स्टेट सेवा उपलब्ध करवायी जा रही है जिसका उपयोग निर्धारित शुल्क जमा करवा कर किया जा सकता है।
बालकों के लिए बाल पुस्तकालय भी है जिसमे पुस्तकों एवं पत्र पत्रिकाओं के लेन देन के अतिरिक्त वीडियो गेम्स, कैरम , लूडो , चैस, टी.वी. , कम्प्यूटर एवं डी.वी.डी. आदि की सुविधा उपलब्ध है।
पुस्तक व्यवस्थापन
पुस्तकों का वर्गीकरण DDC Ed 19 th प्रणाली से किया हुआ है तथा सूचीकरण सी.सी.सी. (Classified Catalogue Code) द्वारा किया जाता है।
पुस्तकालय का कार्य समय
अप्रेल से मार्च – 11.00 से 7.00 बजे तक
रविवार का साप्ताहिक अवकाश रहता है।