Kaya Chikitsa (Medicine)

कायचिकित्सा विभाग भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद के मानकों के अनुसार 14 विभागान्तर्गत महाविद्यालय में कायचिकित्सा विभाग पृथक से संचालित है। चिकित्सा क्षैत्र का महत्वपूर्ण विभाग है। इस विभाग को 1986 में क्रमोन्नत कर स्नातकोत्तर विभाग बनाया गया था। अध्यापन के साथ-साथ महाविद्यालयीय तीनो चिकित्सालयों में अंतरंग एवं बहिरंग चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध है। विभाग में मधुमेह, आमवात, पाण्डु, हृदयरोग, गृहणी, प्रवाहिका आदि कृच्छ्रसाध्य रोगों पर शमन एवं शोधन उपचार किया जाता है तथा विभागान्तर्गत विशिष्ट चिकित्सा प्रकल्पों यथा-पर्पटी कल्प, पिप्पली कल्प, रसायन कल्प, गुग्गुलु कल्प द्वारा अनेक निराश रोगियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। महाविद्यालय में विभागीय पुस्तकालय उपलब्ध है। उदयपुर के निकटस्थ सुदूर गा्रमीण क्षैत्रो के आदिवासियों को चल चिकित्सा इकाई द्वारा निःशुल्क परामर्श एवं औषध वितरण कर चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है। कायचिकित्सा स्नातकोत्तर विभागान्तर्गत अध्यावधि 95 शोध प्रबन्ध प्रस्तुत किये जा चुके है।
S.No. | Name of Faculty | Designation |
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1. | Prof. Ravi Sharma | Professor & H.O.D. |
2. | Dr. Indumati Sharma | Asso.Professor |
3. | Dr. Krishna Murari Agrawal | Asso.Professor |
4. | Dr. Sita Rajoria | Lecturer |
5. | Dr. Pradeep Kumar Meena | Lecturer |